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उच्चतम न्यायालय द्वारा न्यायाधीशों हेतु जेंडर-जस्ट हैंडबुक विज्ञप्ति

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 17-Aug-2023

हाल ही में, भारत के मुख्य न्यायाधीश श्री डी. वाई. चंद्रचूड़ ने न्यायाधीशों के लिये एक हैंडबुक जारी की है। इसमें न्यायिक निर्णयन और लेखन में हानिकारक लिंग रूढ़िवादिता, विशेष रूप से महिलाओं के बारे में, का उपयोग करने से बचने के तरीके बताए गए हैं, यह हैंडबुक देशभर के न्यायाधीशों के लिये लैंगिक रूढ़िवादिता से निपटने की एक निर्देशिका के रूप में काम करेगी।

उच्चतम न्यायालय

स्रोतः टाइम्स ऑफ इंडिया

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, भारत के मुख्य न्यायाधीश श्री डी. वाई. चंद्रचूड़ ने न्यायाधीशों के लिये एक हैंडबुक जारी की है। इसमें न्यायिक निर्णयन और लेखन में हानिकारक लिंग रूढ़िवादिता, विशेष रूप से महिलाओं के बारे में, का उपयोग करने से बचने के तरीके बताए गए हैं, यह हैंडबुक देशभर के न्यायाधीशों के लिये लैंगिक रूढ़िवादिता से निपटने की एक निर्देशिका के रूप में काम करेगी। इस हैंडबुक में, उच्चतम न्यायालय (SC) ने पूर्वाग्रहपूर्ण शब्दों की एक सूची की पहचान की है जो विशेष रूप से महिलाओं के बारे में हानिकारक लिंग रूढ़िवादिता को बढ़ावा देते हैं।

पृष्ठभूमि

  • भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने वर्ष 2023 के महिला दिवस (8 मार्च) समारोह में बताया था कि उच्चतम न्यायालय कानूनी विमर्श में उपयोग किये जाने वाले जेंडर संबंधी अनुचित शब्दों की एक कानूनी शब्दावली जारी करने की योजना बना रहा है, जिस पर कई वर्षों से काम किया जा रहा है (कोविड समय के दौरान संकल्पित)।
  • न्यायालय ने पुरानी धारणाओं के कारण स्टीरियोटाइप या रूढ़वादिता पर आधारित शब्दावली के उपयोग के खिलाफ सलाह दी, जिसका वे प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • न्यायालय ने ऐसे वैकल्पिक शब्दों या वाक्यांशों का सुझाव दिया जिनका उपयोग वकीलों द्वारा दलीलों का मसौदा तैयार करते समय एवं न्यायाधीशों और न्यायिक अधिकारियों द्वारा किया जा सकता है।
  • जिन शब्दों या वाक्यांशों की न्यायालय ने आलोचना की है, उन पर आरोप है कि वह किसी व्यक्ति के चरित्र के एक या अधिक पहलुओं को दर्शाते हैं।

हैंडबुक का उद्देश्य

  • यह महिलाओं के विषय में आम रूढ़िवादिता की पहचान करती है, जिनमें से कई का उपयोग अतीत में न्यायालयों द्वारा किया गया है।
  • लैंगिक रूढ़िवादिता से निपटने के संबंध में जारी की गई हैंडबुक का उद्देश्य महिलाओं के विषय में रूढ़िवादिता को पहचानने, समझने और उसका मुकाबला करने में न्यायाधीशों एवं कानूनी समुदाय की सहायता करना है।

स्टीरियोटाइप भाषा और उसका प्रतिस्थापन:

टिप्पणी: नागरिक प्रक्रिया संहिता, 1908 (Code of Civil Procedure, 1908 (CPC)) पहले वित्तीय साधनों के आभाव वाले किसी व्यक्ति को एक गरीब के रूप में संदर्भित करती थी, यह मानते हुए कि भाषा अपने विषय के बारे में बताती है और यह ऐसे व्यक्तियों की गरिमा को पहचान सकती है या कम कर सकती है, कानून में संशोधन किया गया था और शब्द गरीब को शब्द निर्धन से बदल दिया गया।

लैंगिक समानता और सतत् विकास लक्ष्य (Gender Equality and Sustainable Development Goals) (SDGs)

  • 25 सितंबर 2015 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 193 देशों ने ‘ट्रांस्फोर्मिंग आवर वर्ल्ड: द एजेंडा फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट’ नामक 2030 विकास एजेंडा को अपनाया।
  • SDG 5 लैंगिक समानता के सिद्धांत से संबंधित है।
    • SDG या वैश्विक लक्ष्य सत्रह परस्पर संबंधित उद्देश्यों का एक संग्रह है जो "अभी और भविष्य में लोगों और ग्रह के लिये शांति तथा समृद्धि के लिये साझा ब्लूप्रिंट" के रूप में तैयार किया गया है।
  • लक्ष्य 5 का उद्देश्य है:
    • 1 हर जगह सभी महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करना।
    • 2 सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में सभी महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ सभी प्रकार की हिंसा को समाप्त करना, जिसमें तस्करी एवं यौन और अन्य प्रकार के शोषण शामिल हैं।
    • 3 सभी हानिकारक प्रथाओं, जैसे बाल विवाह और कम उम्र में ज़बरन विवाह एवं महिला जननांग विकृति को समाप्त करना।
    • 4 सार्वजनिक सेवाओं, बुनियादी ढाँचे और सामाजिक सुरक्षा नीतियों के प्रावधान के माध्यम से अवैतनिक देखभाल एवं घरेलू काम को पहचानना तथा महत्त्व देना और राष्ट्रीय स्तर पर उपयुक्त के रूप में घर-परिवार के भीतर साझा ज़िम्मेदारी को बढ़ावा देना।
    • 5 राजनीतिक, आर्थिक और सार्वजनिक जीवन में निर्णयन के सभी स्तरों पर महिलाओं की पूर्ण और प्रभावी भागीदारी एवं नेतृत्व के समान अवसर सुनिश्चित करना।
    • 6 जनसंख्या और विकास पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन एवं बीजिंग प्लेटफॉर्म फॉर एक्शन के कार्यक्रम और उनके समीक्षा सम्मेलनों के परिणामी दस्तावेज़ों के अनुसार सहमति से ही यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य तथा प्रजनन अधिकारों तक सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करना।
    • A कानूनों के अनुसार महिलाओं को आर्थिक संसाधनों के समान अधिकार, साथ ही भूमि और संपत्ति के अन्य रूपों, वित्तीय सेवाओं, विरासत एवं प्राकृतिक संसाधनों पर स्वामित्व तथा नियंत्रण तक पहुँच प्रदान करने के लिये सुधार करना।
    • B महिलाओं के सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिये सक्षम प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाना।
    • C लैंगिक समानता को बढ़ावा देने एवं सभी स्तरों पर सभी महिलाओं और लड़कियों के सशक्तीकरण के लिये ठोस नीतियों और लागू करने योग्य कानून को अपनाना तथा मज़बूत करना।

रूढ़िवादिता और वास्तविकता

एक स्टीरियोटाइप को "एक ऐसे निर्धारित/पुराने विचार के रूप में परिभाषित किया गया है जो लोगों के लिये तय करता है कि कोई व्यक्ति या कोई चीज कैसी है, विशेष रूप से ऐसा विचार जो गलत है।"

ये ऐसी धारणाएँ या विश्वास हैं कि विशिष्ट सामाजिक समूहों से संबंधित व्यक्तियों में कुछ विशेषताएँ या लक्षण होते हैं।

इनके बीच के अंतर को निम्नलिखित चित्रात्मक निरूपण से समझा जा सकता है।